1 Part
231 times read
4 Liked
देश की ख़ातिर (काव्य) देश की ख़ातिर मेरी दुनिया में यह ताबीर हो। हाथ में हो हथकड़ी, पैरों पड़ी जंज़ीर हो ॥ शूली मिले फाँसी मिले या कोई भी तदबीर हो। ...